उत्थान
शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन पर काबू पाने के लिए
आज, कौशल और क्षमता का विकास किये बिना, इस ‘ज्ञान-आधारित’ युग में मुकाबला करना किसी भी मानव के लिए संभव नही है। ऐसे परिस्थिति में अपने जनजातीय समाज के शिक्षात्मक, आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन पर काबू करने तथा भारत के अन्य समाज के लोग और जनजातीय समाज के बीच की कौशल और रोज़गार की दूरी काम करना, एक कठिन चुनौती है।
केंद्र सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय और राज्य स्तर के जनजाति विकास/ कल्याण विभाग को इन जैसे चुनौतियोंका सामना करने में मदद देने हेतु 'एंटेल्की' की तरफ से जनजातीय माहौल के सभी पहलुओं की वृद्धि करनेवाली कार्यप्रणाली "उत्थान" की संरचना और निर्मिति हुई है जिसकी विशिष्टता निचे दर्शायी गयी है।
तो चलें, अपने जनजातीय बांधवो के शिक्षात्मक, आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन को हम दूर करें और भारत की आम जनता और जनजातीय समाजमें दिखनेवाली दूरी को कम करें।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
एंटेल्की की एन ई पी २०२० के तहत रचाई गयी विद्यार्थी संपूर्ण विकास प्रणाली, पेरिशिया ©की सहायता से
स्थानीय नौकरी के अवसर उपलब्ध
स्थानीय युवक इन गतिविधियोंका केंद्र स्थान ग्रहण करेंगे
कौशल और क्षमताओं की दूरी कम करना
उद्योग जगत के विशेषज्ञों की मदद से जनजातीय युवकों में स्व रोजगार के अनुरूप कौशल का विकासन
शिक्षकों की क्षमता और कौशल वृद्धि
शिक्षा की परिणामकता बढ़ाने हेतु शिक्षकों को तकनिकी संसाधन के उपयोग और प्रणाली के बारे में शिक्षित करना
करियर मार्गदर्शन
शिक्षात्मक सराहनीयता दर्शानेवाले विद्यार्थियों का क्षमता विश्लेषण के आधार पर करियर मार्गदर्शन
जागरूकता बढ़ाना
स्वास्थ्य, सुरक्षा, क़ानूनी अधिकार और जनजातीय अधिकारों सम्बंधित जागरूकता की वृद्धि